नई राह-माओवाद वर्दी की जगह अब होटल की यूनिफॉर्म,30 आत्मसमर्पित माओवादी सदस्यों को दिया जा रहा अतिथि सत्कार का प्रशिक्षण



 जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के माओवादियों ने जब आत्मसमर्पण किया, तब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील सरकार ने भी इन आत्मसमर्पित माओवादियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए। जगदलपुर के निकट आड़ावाल में लाइवलीहुड कॉलेज में इन 30 आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास कार्ययोजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत गेस्ट सर्विस एसोसिएट का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह पहल न केवल इन पूर्व माओवादी सदस्यों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि बस्तर के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास भी कर रही है।

प्रशिक्षण का सफर-बंदूक से ग्राहक सेवा तक

ये 30 आत्म समर्पित माओवादी जो कभी घने जंगलों में हिंसा के रास्ते पर थे, आज लाइवलीहुड कॉलेज के कैंपस में ग्राहक संवाद, होटल मैनेजमेंट और सॉफ्ट स्किल्स सीख रहे हैं। करीब 3 महीने के इस कोर्स में उन्हें होटल इंडस्ट्री की बारीकियां सिखाई जा रही हैं, ताकि वे बस्तर के होमस्टे, रिसॉर्ट्स और टूरिस्ट स्पॉट्स में आत्मविश्वास से काम कर सकें।

 एक पूर्व माओवादी रामू (परिवर्तित नाम) ने भावुक होकर कहा कि बस्तर के जंगल में हिंसा की जिंदगी ने सिर्फ दर्द दिया, अब लाइवलीहुड कॉलेज में सीखकर लगता है, असली आजादी यहीं है। अब स्वयं मेहनत कर घर-परिवार को खुशहाल बनाएंगे।

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की दूरदृष्टि

मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अमल से अब तक हजारों युवा सशक्त हो चुके हैं। बीजापुर जैसे संवेदनशील इलाकों में यह पुनर्वास का सुनहरा मॉडल साबित हो रहा है। नक्सल मुक्त बस्तर की दिशा में यह कदम मील का पत्थर है, जहां हिंसा की जगह विकास और रोजगार की कहानी लिखी जा रही है।

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