जगदलपुर। बस्तर में समर्थन मूल्य में धान के उपार्जन में सरकार की लापरवाही और बदइंतजामी लगातार जारी है इस पर सवाल उठाते हुए आप नेता समीर खान ने कहा कि सरकार का झूठा दावा है कि 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधिकांश उपार्जन केन्द्रो में किसान धान लेकर पहुंचे तो रहे हैं, पर उनका धान नहीं खरीदा जा रहा है और उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। सहकारी समितियां के कर्मचारियों की हड़ताल ख़त्म होने के बाद भी खाद्य, कृषि और राजस्व विभाग की अव्यवस्था के चलते पूरा सिस्टम बदहाल है। अनेक किसानों का धान आज भी घर के पटाव में पड़ा है जिसके खराब होने की संभावना ज्यादा है जिससे आज प्रदेश का अन्नदाता किसान परेशान और व्यथित है।
आगे आप नेता समीर खान ने कहा कि कांकेर जिले में धान खरीदी प्रबंधक और ऑपरेटरों की हड़ताल के कारण अब तक जिले में धान खरीदी प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है,प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर राजस्व और कृषि विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी धान खरीदी केंद्रों में लगाई थी, लेकिन उन्होंने भी काम करने से मना कर दिया है। ।बस्तर के ,सुकमा , दंतेवाड़ा ,बीजापुर में किसानों को टोकन से लेकर बिक्री तक मुश्किलें आ रहीं हैं।
यह कैसी धान खरीदी है की टोकन नहीं कट पा रहा है, कंप्यूटर सिस्टम और ऑनलाइन एंट्री में तकनीकी दिक्कतें आ रही है, बारदानों की समस्या से भी किसानों को जूझना पड़ रहा है, अधिकांश उपार्जन केदो में धान की तौलाई बंद है, परिवहन और मिलिंग को लेकर प्रदेश सरकार अब तक कोई ठोस व्यवस्था तक नहीं कर पायी है।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि प्रदेश की भाजपा सरकार धान खरीदी मामले में पूरी तरह विफल हो चुकी है। बस्तर के किसानों की समस्या को लेकर सरकार के पास कोई रोडमेप तक नहीं है,जिससे बस्तर के लाखों अन्नदाता किसान परेशान और चिंतित हैं

